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लेखनी प्रतियोगिता -04-Aug-2022

तुम नहीं लगा सकते अंदाजा मेरी तबाही का,

तुमने देखा ही कहां है मुझे शाम‌ होने के बाद।


यह दुनिया तो सिर्फ जीतने वाले की होती है,

कहां याद रहता है कोई नाकाम होने के बाद।


अभी हौंसला बुलंद है, संघर्ष करो कर्मयुद्ध में,

वरना लौटना ही है वापस अंजाम होने के बाद।


जब तक जिंदगी बाकी है शान से जुझते रहो,

जिंदगी खत्म नहीं होती बदनाम होने के बाद।


जब तक मंजिल ना मिले सफर ए जिंदगी में,

भला कौन पूछता है यहां गुमनाम होने के बाद।

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12 Comments

Pankaj Pandey

05-Aug-2022 01:45 PM

Nice 👍

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Punam verma

05-Aug-2022 08:32 AM

Very nice

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Abhinav ji

05-Aug-2022 07:29 AM

Very nice👍

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